2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी: क्या भारत अपने अगले पिंक बॉल टेस्ट में 36 रन पर ऑल आउट होने का दर्द मिटा पाएगा?

2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट में भारत एक बार फिर एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुलाबी गेंद से खेलते हुए उसी दर्द को भुलाने की कोशिश करेगा। आइए जानें कि क्या टीम इंडिया इस बार इतिहास को बदल पाएगी।

भारतीय क्रिकेट टीम के लिए डे-नाइट टेस्ट मुकाबले रोमांचक और चुनौतीपूर्ण रहे हैं। भारत ने अब तक चार पिंक बॉल टेस्ट खेले हैं, जिनमें से तीन में जीत दर्ज की है और एक में हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन जब बात एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2020 में खेले गए डे-नाइट टेस्ट की आती है, तो यह मुकाबला भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक कड़वी याद के तौर पर दर्ज है।


पिछली हार का कड़वा सच

2020 में एडिलेड में खेले गए पिंक बॉल टेस्ट मैच में भारत ने पहली पारी में 244 रन बनाए थे। जवाब में ऑस्ट्रेलिया की टीम 191 रन पर ऑल आउट हो गई, जिससे भारत को 53 रन की बढ़त मिली। ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया इस मुकाबले को अपने नाम कर लेगी।

लेकिन दूसरी पारी में भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेज़लवुड और पैट कमिंस ने घातक गेंदबाजी करते हुए भारत को मात्र 36 रन पर समेट दिया। यह भारतीय टेस्ट क्रिकेट का अब तक का सबसे कम स्कोर था।

ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच आसानी से 8 विकेट से जीत लिया। यह हार न केवल टीम के प्रदर्शन पर सवाल उठाने वाली थी, बल्कि फैंस के लिए भी बड़ा झटका थी।


वर्तमान में टीम का आत्मविश्वास

इस बार स्थिति काफी अलग है। भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के पहले टेस्ट में पर्थ में शानदार प्रदर्शन करते हुए 295 रन से जीत दर्ज की। जसप्रीत बुमराह ने कप्तानी करते हुए बेहतरीन गेंदबाजी की और 8 विकेट लेकर “प्लेयर ऑफ द मैच” का खिताब जीता।

यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली ने भी महत्वपूर्ण पारियां खेलीं, जबकि मोहम्मद सिराज और केएल राहुल ने गेंद और बल्ले से योगदान दिया। रोहित शर्मा, जो पहले मैच में नहीं खेल सके थे, दूसरे टेस्ट में वापसी करेंगे, जिससे टीम को अतिरिक्त मजबूती मिलेगी।


गुलाबी गेंद से भारत का रिकॉर्ड

भारत का पिंक बॉल टेस्ट में रिकॉर्ड सकारात्मक है। टीम ने अब तक चार डे-नाइट टेस्ट खेले हैं, जिनमें से तीन में जीत दर्ज की है:

  1. 2019 में कोलकाता – बांग्लादेश को हराया।
  2. 2021 में अहमदाबाद – इंग्लैंड को हराया।
  3. 2022 में बेंगलुरु – श्रीलंका को हराया।

लेकिन एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2020 की हार अब भी टीम के लिए एक बड़ा मानसिक अवरोध है।


क्या इस बार भारत इतिहास बदल सकता है?

इस बार भारतीय टीम बेहतर फॉर्म और संतुलन के साथ एडिलेड पहुंचेगी। जसप्रीत बुमराह की घातक गेंदबाजी और विराट कोहली का अनुभव टीम के लिए बड़े फायदे हो सकते हैं। यशस्वी जायसवाल जैसे युवा खिलाड़ी और शुभमन गिल (अगर फिट रहते हैं) भारतीय बल्लेबाजी को स्थिरता प्रदान कर सकते हैं।

हालांकि, ऑस्ट्रेलिया भी अपनी पिच और गुलाबी गेंद का फायदा उठाने में माहिर है। मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हेज़लवुड जैसे तेज गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों के लिए चुनौती पेश कर सकते हैं।


आने वाले मैच की अहमियत

6 दिसंबर से शुरू होने वाला एडिलेड डे-नाइट टेस्ट न केवल इस सीरीज को रोमांचक बनाएगा बल्कि भारतीय टीम को अपनी पुरानी हार का बदला लेने का मौका भी देगा। टीम को अपनी मानसिक दृढ़ता और सामूहिक प्रदर्शन पर ध्यान देना होगा।

गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव, वर्तमान फॉर्म, और टीम की संतुलित रणनीति इस बार भारत को 36 रन पर ऑल आउट होने की शर्मिंदगी से उबरने में मदद कर सकती है।


“भारतीय टीम ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी हार से सीखते हुए कई यादगार जीत दर्ज की हैं। इस बार भी एडिलेड में टीम का लक्ष्य सिर्फ जीत हासिल करना नहीं होगा, बल्कि 36 रन पर ऑल आउट होने की कड़वी यादों को मिटाना भी होगा।

फैंस की उम्मीदें इस बार जसप्रीत बुमराह की शानदार गेंदबाजी, कोहली के अनुभव और युवा खिलाड़ियों की ऊर्जा पर टिकी हैं। अगर टीम अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन करती है, तो भारत निश्चित रूप से इतिहास को बदलते हुए एडिलेड में जीत का परचम लहरा सकता है।”

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